1. शिव- कल्याण स्वरूप 2. महेश्वर- माया के अधीश्वर 3. शम्भू- आनंद स्स्वरूप वाले 4. पिनाकी- पिनाक धनुष धारण करने वाले 5. शशिशेखर- सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले 6. वामदेव- अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले 7. विरूपाक्ष- भौंडी आंख वाले 8. कपर्दी- जटाजूट धारण करने वाले 9. नीललोहित- नीले और लाल रंग वाले 10. शंकर- सबका कल्याण करने वाले 11. शूलपाणी- हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले 12. खटवांगी- खटिया का एक पाया रखने वाले 13. विष्णुवल्लभ- भगवान विष्णु के अतिप्रेमी 14. शिपिविष्ट- सितुहा में प्रवेश करने वाले 15. अंबिकानाथ- भगवति के पति 16. श्रीकण्ठ - सुंदर कण्ठ वाले 17. भक्तवत्सल- भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले 18. भव- संसार के रूप में प्रकट होने वाले 19. शर्व - कष्टों को नष्ट करने वाले 20. त्रिलोकेश- तीनों लोकों के स्वामी 21. शितिकण्ठ - सफेद कण्ठ वाले 22. शिवाप्रिय- पार्वती के प्रिय 23. उग्र- अत्यंत उग्र रूप वाले 24. कपाली- कपाल धारण करने वाले 25. कामारी - कामदेव के शत्रु 26. अंधकारसुरसूदन - अं...
शिवमहिम्न स्तोत्र Shiva Mahimna Stotra THE ENGLISH TRANSLATION IS GIVEN AFTER HINDI TRANSLATION BELOW शिवमहिम्न स्तोत्र में 43 श्लाेक हैं, श्लाेक तथा उनके भावार्थ निम्नांकित हैं पुष्पदन्त उवाच - महिम्नः पारं ते परमविदुषो यद्यसदृशी। स्तुतिर्ब्रह्मादीनामपि तदवसन्नास्त्वयि गिरः।। अथाऽवाच्यः सर्वः स्वमतिपरिणामावधि गृणन्। ममाप्येष स्तोत्रे हर निरपवादः परिकरः।। १।। भावार्थ: पुष्पदंत कहते हैं कि हे प्रभु ! बड़े बड़े विद्वान और योगीजन आपके महिमा को नहीं जान पाये तो मैं तो एक साधारण बालक हूँ, मेरी क्या गिनती? लेकिन क्या आपके महिमा को पूर्णतया जाने बिना आपकी स्तुति नहीं हो सकती? मैं ये नहीं मानता क्योंकि अगर ये सच है तो फिर ब्रह्मा की स्तुति भी व्यर्थ कहलाएगी। मैं तो ये मानता हूँ कि सबको अपनी मति अनुसार स्तुति करने का अधिकार है। इसलिए हे भोलेनाथ! आप कृपया मेरे हृदय के भाव को देखें और मेरी स्तुति का स्वीकार करें। अतीतः पंथानं तव च महिमा वांमनसयोः। अतद्व्यावृत्त्या यं चकितमभिधत्ते श्रुतिरपि।। ...